अच्छी चुड़ैल की कहानी: पहला अध्याय

अधूरी ममता

विक्रम अपने स्कूल के दोस्तों के साथ जंगल में पिकनिक पर गया था। हरे-भरे पेड़ों के बीच गहरी सर्द हवाओं के साथ, जंगल की शांति में अद्भुत रहस्य छिपे हुए थे। सबकुछ बहुत सुंदर लग रहा था, लेकिन विक्रम को अपनी उत्सुकता के चलते समूह से दूर जाने का मन कर गया। जंगल के बीचों-बीच अकेला भटकते हुए, वह अनजाने में समूह से बहुत दूर निकल गया।

अब वह अकेला था। धीरे-धीरे अंधेरा घिरने लगा। पत्तों की सरसराहट और अनजान जीवों की आवाज़ें उसे डराने लगीं। विक्रम ने वापस जाने की कोशिश की, लेकिन हर कदम के साथ वह और गहरे जंगल में फंसता गया। तभी, दूर से एक गरजने की आवाज़ आई। विक्रम ने पीछे मुड़कर देखा—एक शेर उसकी तरफ बढ़ रहा था!

डर के मारे विक्रम के पैर जैसे जम गए। उसे लगने लगा कि उसकी ज़िन्दगी का अंत आ गया है। शेर धीरे-धीरे उसके करीब आ रहा था। तभी अचानक हवा में अजीब सी ठंडक फैल गई। एक अदृश्य शक्ति ने शेर को रोक लिया। विक्रम ने देखा, सामने एक लंबी, काली चोगा पहने एक स्त्री खड़ी थी। उसकी आँखों में दर्द और करुणा का अजीब मिश्रण था।

शेर कुछ पलों के लिए रुका, फिर धीरे-धीरे वापस जंगल में चला गया। विक्रम हैरान था। उसने उस स्त्री की ओर देखा, जो अब उसके करीब आ रही थी। वह चुड़ैल जैसी लग रही थी, लेकिन उसकी उपस्थिति से विक्रम को डर नहीं लग रहा था। उसकी आँखों में एक अजीब सी शांति और उदासी थी।

“तुम कौन हो?” विक्रम ने हिम्मत जुटाकर पूछा।

स्त्री ने एक गहरी सांस ली और धीरे से बोली, “मैं… इस जंगल की प्राचीन आत्मा हूँ। लोग मुझे ‘चुड़ैल’ कहते हैं, पर मैं बुरी नहीं हूँ। मैंने तुम्हें बचाया क्योंकि इस जंगल ने मुझसे मेरा बच्चा छीन लिया था। मैं भी एक माँ थी… कभी।”

विक्रम ने उसकी बात सुनकर आश्चर्य से देखा, “तुम्हारा बच्चा कहाँ है?”

वह स्त्री थोड़ी देर के लिए चुप हो गई। उसकी आँखों में आंसू झलकने लगे। “वह इस जंगल में कहीं खो गया। और अब मैं हर उस बच्चे की रक्षा करती हूँ जो इस जंगल में खो जाता है, ठीक वैसे जैसे मैंने तुम्हें बचाया।”

विक्रम का दिल भर आया। वह अब डर की जगह उस चुड़ैल की ममता और दर्द को समझने लगा था। उसने धीरे से कहा, “मैं तुम्हारी मदद करूँगा। हम तुम्हारे बच्चे को ढूंढेंगे।”

स्त्री ने हल्की मुस्कान के साथ विक्रम की ओर देखा, “शायद इसी कारण तुम इस जंगल में आए हो। तुम्हारी मदद से मैं अपने बच्चे को फिर से पा सकती हूँ।”

विक्रम ने धीरे से सिर हिलाया और दोनों ने साथ मिलकर जंगल की ओर देखा, जहाँ अंधेरा घना हो चुका था लेकिन अब उस अंधेरे में भी एक आशा की किरण दिखाई दे रही थी।


अगले अध्याय में

विक्रम और अच्छी चुड़ैल की खोज आगे बढ़ेगी। क्या वे उस खोए हुए बच्चे का पता लगा पाएंगे? क्या विक्रम अपने दोस्तों से फिर से मिल पाएगा? यह रहस्य अगले अध्याय में खुलेंगे।

(अगले एपिसोड के लिए जुड़े रहें)

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